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Showing posts from September, 2025

Constipation में कौन-से फल खाने चाहिए? ✍️ Blog by Mr. Sudhakar Ugemuge (MSW)

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⸻ Constipation में कौन-से फल खाने चाहिए? आजकल की अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान के कारण कब्ज (Constipation) एक आम समस्या बन गई है। कब्ज केवल पेट की तकलीफ नहीं है, बल्कि यह आपके पूरे पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। अगर कब्ज लंबे समय तक बना रहे तो यह गैस, सिरदर्द, भूख न लगना और शरीर में भारीपन जैसी दिक्कतें भी पैदा कर सकता है। कब्ज में कौन-से फल खाने चाहिए? फल फाइबर और पानी से भरपूर होते हैं जो आंतों की सफाई में मदद करते हैं और मल को नरम बनाते हैं। कब्ज से राहत के लिए आप रोज़ाना इन फलों को अपने आहार में शामिल करें: MR. SUDHAKAR UGEMUGE (MSW)    1. केला (Banana) – पका हुआ केला खाने से पेट साफ रहता है और पाचन क्रिया मजबूत होती है। 2. सेब (Apple) – छिलके समेत सेब खाने से फाइबर की मात्रा बढ़ती है और कब्ज दूर होती है। 3. पपीता (Papaya) – यह सबसे बेहतरीन फल है कब्ज के लिए। इसमें एंजाइम होते हैं जो आंतों की गति को सुधारते हैं और पेट को हल्का रखते हैं। ध्यान देने योग्य बातें • कब्ज से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएं। • मसालेदार और तैलीय भोजन से परह...

जिम करने के फायदे और मसल्स रिकवरी के लिए थैरेपी - MR. PARAG BALAPURE (IT ENGINEER)

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आज के दौर में फिट और हेल्दी रहना हर किसी की पहली ज़रूरत बन गई है। ऑफिस का स्ट्रेस, लंबे समय तक बैठकर काम करना और अनहेल्दी लाइफस्टाइल हमारे शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। ऐसे में जिम करना न सिर्फ बॉडी को शेप में लाता है, बल्कि हमें अंदर से भी हेल्दी और एनर्जेटिक बनाता है। जिम करने के फायदे मसल्स स्ट्रेंथ और स्टैमिना बढ़ता है – नियमित वर्कआउट से मांसपेशियां मजबूत और सहनशक्ति ज़्यादा होती है। हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है – कार्डियो एक्सरसाइज हार्ट हेल्थ को मजबूत करती है और ब्लड फ्लो सही बनाए रखती है। वेट मैनेजमेंट – जिम से कैलोरी बर्न होती है और वजन संतुलित रहता है। मेंटल हेल्थ – एक्सरसाइज से स्ट्रेस हार्मोन कम होता है और मूड फ्रेश रहता है। लेकिन यहाँ एक बड़ी समस्या आती है—वर्कआउट के बाद मसल्स पेन, टाइटनेस और थकान। MR PARAG BALAPURE मसल्स रिकवरी क्यों ज़रूरी है? जिम में मेहनत करना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है शरीर को रिकवरी देना। अगर मसल्स को समय पर आराम और सही थैरेपी न मिले तो चोट लगने का रिस्क बढ़ जाता है और प्रोग्रेस भी धीमी हो जाती है। IASTM...