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Constipation में कौन-से फल खाने चाहिए? ✍️ Blog by Mr. Sudhakar Ugemuge (MSW)

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⸻ Constipation में कौन-से फल खाने चाहिए? आजकल की अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान के कारण कब्ज (Constipation) एक आम समस्या बन गई है। कब्ज केवल पेट की तकलीफ नहीं है, बल्कि यह आपके पूरे पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। अगर कब्ज लंबे समय तक बना रहे तो यह गैस, सिरदर्द, भूख न लगना और शरीर में भारीपन जैसी दिक्कतें भी पैदा कर सकता है। कब्ज में कौन-से फल खाने चाहिए? फल फाइबर और पानी से भरपूर होते हैं जो आंतों की सफाई में मदद करते हैं और मल को नरम बनाते हैं। कब्ज से राहत के लिए आप रोज़ाना इन फलों को अपने आहार में शामिल करें: MR. SUDHAKAR UGEMUGE (MSW)    1. केला (Banana) – पका हुआ केला खाने से पेट साफ रहता है और पाचन क्रिया मजबूत होती है। 2. सेब (Apple) – छिलके समेत सेब खाने से फाइबर की मात्रा बढ़ती है और कब्ज दूर होती है। 3. पपीता (Papaya) – यह सबसे बेहतरीन फल है कब्ज के लिए। इसमें एंजाइम होते हैं जो आंतों की गति को सुधारते हैं और पेट को हल्का रखते हैं। ध्यान देने योग्य बातें • कब्ज से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएं। • मसालेदार और तैलीय भोजन से परह...

जिम करने के फायदे और मसल्स रिकवरी के लिए थैरेपी - MR. PARAG BALAPURE (IT ENGINEER)

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आज के दौर में फिट और हेल्दी रहना हर किसी की पहली ज़रूरत बन गई है। ऑफिस का स्ट्रेस, लंबे समय तक बैठकर काम करना और अनहेल्दी लाइफस्टाइल हमारे शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। ऐसे में जिम करना न सिर्फ बॉडी को शेप में लाता है, बल्कि हमें अंदर से भी हेल्दी और एनर्जेटिक बनाता है। जिम करने के फायदे मसल्स स्ट्रेंथ और स्टैमिना बढ़ता है – नियमित वर्कआउट से मांसपेशियां मजबूत और सहनशक्ति ज़्यादा होती है। हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है – कार्डियो एक्सरसाइज हार्ट हेल्थ को मजबूत करती है और ब्लड फ्लो सही बनाए रखती है। वेट मैनेजमेंट – जिम से कैलोरी बर्न होती है और वजन संतुलित रहता है। मेंटल हेल्थ – एक्सरसाइज से स्ट्रेस हार्मोन कम होता है और मूड फ्रेश रहता है। लेकिन यहाँ एक बड़ी समस्या आती है—वर्कआउट के बाद मसल्स पेन, टाइटनेस और थकान। MR PARAG BALAPURE मसल्स रिकवरी क्यों ज़रूरी है? जिम में मेहनत करना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है शरीर को रिकवरी देना। अगर मसल्स को समय पर आराम और सही थैरेपी न मिले तो चोट लगने का रिस्क बढ़ जाता है और प्रोग्रेस भी धीमी हो जाती है। IASTM...

🩺 मधुमेहासाठी महाराष्ट्रीयन आहार योजना (६ लहान जेवणांसह)

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  🌅 सकाळी उठल्यावर (सकाळी ६ ते ७ वाजता) १ ग्लास गुनगुने पाणी + १ चमचा मेथीदाण्याचा पावडर (रात्री भिजवलेली मेथीदाणा वाळवून काढावी) ५ बदाम (रात्रभर भिजवलेले, सोललेले) 🍵 पहाटेचा नाश्ता (सकाळी ८ ते ८:३० वाजता) १ कडधान्याचा उपमा (उदा. मूग डाळ उपमा/ज्वारीचा उपमा) १ वाटी सॅलड काकडी, टोमॅटो, गाजर, पालक, उडीद डाळ लिंबू रस घालून 🍎 मध्यान्ह खाणं (११ वाजता) १ मध्यम आकाराचा फळ उदा. पेरू / सफरचंद / जांभूळ / आवळा १ कप ग्रीन टी किंवा दालचिनी पाणी 🍛 दुपारचे जेवण (१ ते १:३० वाजता) २ ज्वारी/नाचणीच्या भाकऱ्या (तुपाशिवाय) १ वाटी वरण (तूर डाळ/मुगडाळ फोडणीसकट) १ वाटी कोरडी भाजी (पालक, मेथी, भेंडी, कोबी, गाजर इ.) १ वाटी कोशिंबीर दही, टोमॅटो, काकडी, जिरेपूड, हळद, हिंग, सैंधव मीठ ☕ दुपारी मधली भूक (४ वाजता) १ वाटी भिजवलेले चणे/मटकी/मुग (हळद, लिंबू घालून) १ कप हर्बल टी किंवा फोडणी दिलेली भाजीपाला उसळ 🌇 संध्याकाळचा नाश्ता (६:३० वाजता) १ छोटा धिरड्याचा रोल (नाचणी, काकडी, आले, लसूण यांचा धिरडा) १ वाटी टोमॅटो सूप / कांद...

हाई यूरिक एसिड में मखाने का सेवन फायदेमंद, जानें कैसे करें इस्तेमाल

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हाई यूरिक एसिड की समस्या में मखाना एक सुपरफूड की तरह काम करता है। यह शरीर में जमा प्यूरिन को सोखकर मल के जरिए बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम होता है। हाई यूरिक एसिड में मखाने के फायदे: प्यूरिन को बाहर निकालता है – मखाने का फाइबर प्यूरिन को सोखकर शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। हड्डियों के लिए लाभदायक – यह कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और सूजन कम करता है। पाचन में सुधार – फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पाचन क्रिया को तेज करता है और शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। कैसे करें मखाने का सेवन? रोज़ सुबह या रात में दूध में भिगोकर खाएं। मखाने की खिचड़ी या चाट बनाकर खा सकते हैं। इसे स्नैक्स के रूप में हल्का भूनकर भी खाया जा सकता है। अगर आप हाई यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं, तो अपनी डाइट में मखाना जरूर शामिल करें और इसके फायदे उठाएं! PARAS TEKADE (DEMS) ELECTROHOMEOPATH

The Philosophy of Lord Shiva: Embrace the Path of Truth and Justice

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  The Philosophy of Lord Shiva: Embrace the Path of Truth and Justice Lord Shiva, the destroyer of evil and the protector of the righteous, stands as a symbol of power, wisdom, and transformation. His philosophy, especially relevant in the current age of Kaliyug, offers a unique perspective on life, justice, and the human condition. In Kaliyug, a time marked by strife, deceit, and personal interests, Lord Shiva’s teachings remind us that one must adapt to survive. "Every act can be justified, every sin can be justified while following Shiva," he guides us. This doesn’t mean that we should indulge in wrongdoings, but rather, we must understand the deeper truths of the world. People may try to deceive you, but the path of survival lies in being strategic—using "sam, dam, dand, bhed" (the four strategies of persuasion, diplomacy, punishment, and division) to handle challenges wisely, just as Lord Shiva does in his battles. Shiva’s philosophy teaches us that the worl...

आहार योजना - आरोग्यनाथ हीलिंग सेंटर (LIFESTYLE)

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  आहार योजना - आरोग्यनाथ हीलिंग सेंटर सामान्य सूचना: प्रत्येक वेळी फक्त 75% पोट भरा. अन्न चावून खा (प्रत्येक घास 20-25 वेळा). सकाळी आणि रात्री मोठा ग्लास गरम पाणी प्या. जेवणाच्या मध्ये भूक लागल्यास मूठभर शेंगदाणे, सुकामेवा, किंवा ग्रीन टी/ब्लॅक टी (साखर नसलेली) घ्या. जेवणाआधी कधी कधी सुप घ्या. सकाळची दिनचर्या (६-८ वाजता) पाणी: मोठा ग्लास गरम पाणी. नाश्ता: ताजे हंगामी फळे (उदा. पेरू, केळं, संत्रं, किंवा पपई). मूठभर सुकामेवा (बदाम, अक्रोड, मनुका, किंवा अंजीर). दुपारचे जेवण (१ १ -२ वाजता) मुख्य जेवण (75% पोट भरा): मुख्य अन्न: भाकरी (ज्वारी/बाजरी) किंवा गव्हाची पोळी. प्रोटीन: वरण, उसळ (मटकी, मूग), किंवा मूग डाळीची खिचडी. भाजी: हंगामी भाजी (उदा. भरली वांगी, मेथीची भाजी). भात: थोडा वाफवलेला भात (आवडीनुसार). कोशिंबीर: काकडी, गाजर, बीट, आणि टोमॅटोची ताजी कोशिंबीर. साइड डिश: लोणचं किंवा चटणी (थोड्या प्रमाणात) आणि दही किंवा ताक. सुप: कधी कधी जेवणाआधी गरम सुप प्या. दुपारनंतरचा नाश्ता (४ वाजता) मूठभर भाजलेले शेंगदाणे, चणे, किंवा मिक्स नट्स. किंव...

Chanting Therapy: Har Bimari Ka Solution RADHE RADHE

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  By Arogyanath Healing Centre, Nagpur Aaj ke hectic life mein, jahan stress aur diseases badhte ja rahe hain, wahin hamare ancient methods humein solutions dete hain. Unme se ek hai chanting therapy. Words jaise “Om,” “Radhe Radhe,” aur “Ram” mein ek incredible power hai jo aapke body, mind, aur soul ko heal kar sakti hai. Arogyanath Healing Centre, Nagpur mein hum natural aur traditional healing methods ko promote karte hain. Chanting ek aisi therapy hai jo common flu se lekar severe diseases jaise cancer tak, sab ke liye beneficial hai. Chanting Ka Science Chanting sirf ek spiritual practice nahi hai, iska scientific base bhi hai: Vibrational Healing : Jab aap Om chant karte ho, to iska vibration aapke body ke energy centers (chakras) ko balance karta hai aur cellular health ko improve karta hai. Stress Reduction : Chanting se cortisol levels (stress hormone) reduce hote hain, jo relaxation aur clarity laata hai. Immunity Boost : Ram jaise powerful words chant karn...